Life Learning Lesson, Worship actual meaning for human beings | जीवन का पाठ सीखना, मनुष्य के लिए वास्तविक अर्थ की पूजा करना
जीवन का पाठ सीखना, मनुष्य के लिए वास्तविक अर्थ की पूजा करना :- इच्छाओ का घटना,(कम) लाइफ़ की सफलता है! जब तक स्वयं के स्वार्थ की निवृत्ति नहीं होती, तब तक दूसरों को सुख देने की प्रवृत्ति नहीं आ सकती है! जो धर्म मेरे आत्मिक शांति और गुणों की वृद्धि करता है, वही सच्चा मोक्ष मार्ग है! करना-करना, जीवन भर, मानो दौड़ में रेस के घोड़े की तरह व्यतीत किया है, हकीकत में तो छोडना ही ला आफ नेचर है! भले स्वयं के सुखों को छोड़ देना, परन्तु परिवार को दु:खी नहीं करना चाहिए! माता पिता से कन्फर्ट लेने की आदत ही जिंदगी को फैल्यर बना देती है परंतु माता पिता का गाइडेंस लेकर जिंदगी जीने वाले अपनी लाइफ़ को सक्सीस बना लेते हैं! विनम्रता को आत्म विकास का प्रवेश द्वार माना जाता है। सभी सत्गुणों की पात्रता का कर्ता विनम्रता ही है। धर्म की पहचान विनम्रता से होती है। धर्म का आत्मा में ठहराव सरलता गुण से ही होता है। बिना सरलता आत्मा में शुद्ध धर्म प्रवेश नहीं करता है, और ठहराव तो हो ही नहीं सकता है। पत्थर पर फूल नहीं खिलते,काली मिट्टी में ही फूल अच्छे खिलते हैं, ठीक वैसे ही धर्म भी बिना सरलता से आत्मा में स