How to persue happy life in this ERA? Lord Mahavir explanation toward it एक साधक ने ज्ञानी भगवान से पूछा - "भगवन मैं दो टाइम की सामायिक, प्रतिक्रमण, त्याग और तप यह सभी करता हूं फिर भी मुझे जीवन में शांति क्यों नहीं है?" ज्ञानी भगवान ने फरमाया - "जीवन में शांति पाने के लिए तीन बातों का अवश्य ध्यान रखें - पहली स्वभाव को सुधारो, दूसरी सद्भभाव को बढ़ाओ और तीसरी समभाव में पधारो" कैंसर और क्रोध दोनों एक ही राशि के हैं लेकिन कैंसर जब आखिरी स्टेज पर हो तो दुश्मन भी पास आ जाते हैं और क्रोध जब आखिरी स्टेज पर हो तो बेटा भी दूर हो जाता है. हमेशा लेट गो का एटीट्यूट रखें पॉजिटिव एटीट्यूट रखें. जिस प्रकार बाजार में बोर्ड लगा होता है जिस पर रुको, देखो और चलो लिखा लगा होता है उसी प्रकार हमें भी हमारे जीवन के निर्णय सोच कर,देख कर ही लेना चाहिए. अगर हम ऐसा करते हैं तो हम प्रतिसन्नलीनता तप का लाभ लेते हैं, लोभ प्रतिसन्नलीनता का लाभ लेते हैं और इंद्रिय प्रतिसन्नलीनता का लाभ लेते हैं. अच्छा सोचने से, मन में शुभ विचार लाने से हमे पाँच फायदे होते हैं - 1अशुभ कर्म कटते है 2नए अशुभ कर्म न...
ains trace their history through twenty-four tirthankara and revere Rishabhanatha as the first tirthankara, The two main sects of Jainism, the Digambara and the Shvetaambar